Atmospheric Circulation | वायुमंडलीय संचरण | के. सिद्धार्थ सर

Atmospheric Circulation | वायुमंडलीय संचरण | के. सिद्धार्थ सर

पृथ्वी की सतह पर चलती हुई वायु को हवा कहते हैं। हवाएँ अधिक वायुदाब केन्द्र से कम वायुदाब केन्द्र की ओर चलती है। जिस दिशा में वायु दाब कम होगा उसको वायुदाब दिशा (Barometric slope) कहते हैं। हवाओं के चलने का कारण वायुदाब की भिन्नता है। वायुदाब में जितनी अधिक भिन्नता होगी, अथवा सम वायुदाब रेखाएँ जितनी अधिक निकट होगी, हवाएँ उतनी ही अधिक तेजी से चलेंगी।
वायुमंडलीय संचरण तीन स्तरों पर होता है।
प्राथमिक संचरण में भूमंडलीय पवनें आती हैं।
द्वितीयक संचरण में विभिन्न प्रकार के चक्रवात आते हैं।
तृतीयक संचरण में विभिन्न प्रकार की स्थानीय पवनें आती हैं।

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