Safety from Plastic | देश मांग रहा है प्लास्टिक से सुरक्षा

Safety from Plastic | देश मांग रहा है प्लास्टिक से सुरक्षा भारत सरकार के आंकडों की माने तो देश में एकत्र किए गए प्लास्टिक कचरे का 40 प्रतिशत हिस्सा सड़कों पर ही फैला रहता है, जो पर्यावरण के लिहाज से एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा है

यह प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के साथ ही मवेशियों के लिए भी बेहद हानिकारक साबित होता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में प्रतिदिन 25,940 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। वहीं भारत में प्लास्टिक का उत्पादन 2014-15 में 1,591 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 2017-18 में 1,719 मिलियन मीट्रिक टन हो गया। हालांकि, 2018-19 में यह आंकड़ा 1,589 मिलियन मीट्रिक टन पर रहा।

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हमारे घरों, दुकानों और दफ्तरों से निकलने वाला यह प्लास्टिक कचरा जिसका सही निस्तारण नहीं होता या जो अपशिष्ट रीसाइक्लिंग इकाइयों तक नहीं पहुंचता है, वह हमारे पर्यावरण पर कई तरीकों से प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है और जो प्लास्टिक कचरा डंपिंग साइट पर दबा दिया जाता है वह अपनी प्रकृति में मौजूद विभन्न एडिटिव्स, कोलोरेंट्स, स्टेबलाइजर्स और फिल्टर के कारण मिट्टी और भूमिगत जल की गुणवत्ता को खराब कर रहा है
ऐसे ही मानसून के दौरान, यह डंप प्लास्टिक शहरों में पानी जमा होने का एक बड़ा कारक बनता है और मच्छरों के प्रजनन  के लिए एक उपयुक्त माहौल तैयार करता है, जिससे स्थानि निवासियों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन होता है देखा गया है कि इस प्लास्टिक कचरे का सही निपटारण करने में अक्षम नगरपालिका इका इस कचरे को आग के हवाल भी कर देती है, जिसे वायु प्रदुषण का एक बड़ा खतरा हमारे सिर पर मंडराता रहता है
हालांकि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल (एसडब्ल्यूएमआर) 2016 में गुटखा, तंबाकू, पान मसाला और यहां तक कि तैयार खाद्य सामग्री के भंडारण, पैकिंग या बिक्री के लिए प्लास्टिक सामग्री से बने पाउच के उपयोग पर प्रतिबंध है लेकिन, उनका प्रयोग आज भी बड़े पैमाने पर जारी है

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इसके मध्यनज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2019 को घोषणा की थी कि एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को 2022 तक चरणबद्ध तरीके से प्रयोग से बाहर कर दिया जाएगा इस पहल को समर्थन देते हुए 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्लास्टिक कैरी बैग और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किया हैं वहीं बाकी राज्य ने प्लास्टिक कैरी बैग या अन्य एकलउपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों पर आंशिक प्रतिबंध लगाया है
इसके अतिरिक्त प्लास्टिक के कचरे का उपयोग सड़क निर्माण और सीमेंट भट्टों में प्लास्टिक कचरे के सहप्रसंस्करण के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है
हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने लोगों को प्लास्टिक कचरे के प्रति जागरूक बनाने के लिएप्लास्टिक से रक्षानाम का एक अभियान शुरू किया है जिसके माध्यम से देशभर के लोगों को प्लास्टिक कचरे के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देने का लक्ष्य रखा गया है 

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