अच्छे मॉनसून से बढ़ी दिल्ली की मुसीबत | जलाई जा रही पराली, धुंध के घेरे में दिल्ली|
इस साल देश भर में मॉनसूनी बारिश सामान्य से करीब 10 फीसद ज्यादा हुई है।
इससे चावल की बंपर पैदावार हुई है।
इसकी पराली को अब जलाया जा रहा है।
इससे अगले तीन दिनों में दिल्ली की हवा में जहर घुल जाएगा।
NASA और SAFAR ने भी की इसकी पुष्टि की है।
दिल्ली-एनसीआर की हवा में सांस लेना अब मुश्किल हो जाएगा।
SAFAR (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के मुताबिक 14 अक्टूबर को दिल्ली-NCR में PM2.5 का स्तर 121 है।
यह बेहद खराब श्रेणी में आता है।
15 अक्टूबर को बढ़कर यह 129 हो सकता है।
3 दिन बाद इसके 136 के ऊपर चले जाने की आशंका है।
PM10 का स्तर 14 अक्टूबर को दिल्ली-NCR में 258 है।
15 अक्टूबर को यह 234 और तीन दिन बाद 277 अंक हो जाएगा।
SAFAR ने अपने आंकड़ों में साफ दिखाया है कि पाकिस्तान, पंजाब और हरियाणा में पराली कहां-कहां जलाई जा रही है।
यहां से चलने वाली हवा की दिशा दिल्ली की तरफ है, इसलिए पराली का धुआं दिल्ली की हवाओं में मिल रहा है।
NASA ने 1 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक 1645 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं दिखाई हैं।
इस बार 200 मीट्रिक टन पराली ज्यादा निकलने का अनुमान है।
1 टन परानी जलाने से 2 किलोग्राम सल्फर डाईऑक्साइड (SO2), 3 किलोग्राम पर्टिकुलेट मैटर (PM), 60 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), 1460 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड (CO2) और 199 किलोग्राम राख पैदा होती है।
आशंका है कि इस साल पराली जलाने की घटनाओं का आंकड़ा 16 हजार के आसपास पहुंचेगा।
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