करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान क्यों लगा रहा दांव
करतारपुर सिखों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहां गुरु नानक देव जी की याद में एक गुरुद्वारा बना हुआ है। यह पाकिस्तान के नारोंवाल जिले में स्थित है। यह भारतीय सीमा से 4 किलोमीटर दूर है। लाहौर से इसकी दूरी 120 किलोमीटर है। गुरु नानक देव जी 1522 ई. में करतारपुर आए थे और अपना आखिरी वक्त उन्होंने वहीं गुजारा था। यहीं 1539 ई. में उनका स्वर्गवास हुआ था। यह पहला गुरुद्वारा माना जाता है जिसकी नींव गुरु साहिब ने खुद रखी थी। एक बार यह गुरद्वारा रावी नदी की बाढ़ में बह गया था, उसके बाद महाराजा रणजीत सिंह ने इसका फिर निर्माण करवाया। यहां गुरु नानक देव जी की समाधि और कब्र दोनों मौजूद है।
जब भारत और पाकिस्तान में बंटवारा हुआ तो यह हिस्सा पाकिस्तान में चला गया और श्रद्धालुओं को इसके दर्शन के लिए वीजा लेने की जरूरत पड़ती है। जो लोग भारत से गुरुद्वारे के दर्शन करना चाहते हैं वे भारत में डेरा बाबा नानक में शहीद बाबा सिद्ध सेन रंधावा गुरुद्वारे में दूरबीन की सहायता से इसके दर्शन करते हैं। सिख समुदाय को बरसों से यह उम्मीद है कि यह कॉरिडोर एक दिन खोल दिया जाएगा। अगले साल गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व है, इसलिए भारत सरकार और पाकिस्तान सरकार ने इसके लिए मंजूरी दी है।
पहली बार करतारपुर कॉरिडोर की बात फरवरी 1999 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्रा के समय की गई। 22 नवंबर 2018 को भारतीय कैबिनेट ने करतारपुर गलियारे को मंजूरी दी। भारतीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने डेरा बाबा नानक में 26 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी 28 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया।
4 किलोमीटर तक लंबा यह कॉरिडोर दोनों देशों की सरकारों के सहयोग से बनाया जाएगा। श्रद्धालुओं को इसके लिए केवल एक पर्ची लेनी होगी। यह सिर्फ उसी दिन के लिए मान्य होगी और शाम तक श्रद्धालुओं को वापस देश लौटना होगा।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के लिए पाकिस्तान 9 नवंबर से कॉरिडोर खोलने की बात कर रहा था, लेकिन उसने रजिस्ट्रेशन फीस का अड़ंगा लगाया है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के लिए रविवार 20 अक्टूबर को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत होनी थी। पाकिस्तान अब भी हर दर्शन करने वाले से 20 डॉलर यानी करीब 1,400 रुपये फीस वसूल करने पर अड़ा हुआ है। इस पर भारत को ऐतराज है।
भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी, इसलिए 20 अक्टूबर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत नहीं हो पाई है। पाकिस्तान के साथ जिन मुद्दों पर अब तक सहमति नहीं बन सकी है, उनमें करतारपुर साहिब के दर्शन का समय और फीस शामिल हैं। इसके अलावा भारत ने हर दिन 10,000 यात्रियों को दर्शन की अनुमति देने की मांग की है। यही नहीं भारत ने हर दिन भारतीय प्रॉटोकॉल ऑफिसर के भी दौरे की अनुमति मांगी है। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 9 नवंबर से करतारपुर गलियारे को खोले जाने का ऐलान किया है।
इस गलियारे के शुरु होने पर राजनीतिक उठापटक भी हो रही है। कांग्रेस ने एक बयान दिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान के निमंत्रण पर कभी पाकिस्तान नहीं जाएंगे। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि मनमोहन सिंह एक श्रद्धालु के तौर पर पहले जत्थे का हिस्सा बनेंगे जो करतारपुर गुरुद्वारा अन्य भारतीय अधिकारियों के साथ जाएगा।
इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में आम आदमी के तौर पर भी आते हैं तो उनका स्वागत है। पाकिस्तान से मनमोहन सिंह को इस उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि बनने का आग्रह आया था लेकिन उन्होंने इस आग्रह को ठुकरा दिया। उम्मीद है कि भारत से इस कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को करेंगे।
इसके खुलने से सिख श्रद्धालुओं की बरसों की उम्मीद पूरी होगी। इससे भारत-पाकिस्तान के संबंधों में सुधार की भी उम्मीद की जा सकेगी। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और इस पूरे क्षेत्र का विकास होगा। इसके खुलने से करतारपुर पहुंचने के लिए न तो वीजा लेकर पहले लाहौर जाना पड़ेगा, न ही बस के जरिए 125 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ेगी। केवल 4 किलोमीटर के गलियारे को पार करके पवित्र गुरुद्वारे के दर्शन का मौका सभी श्रद्धालुओं को मिलेगा।
दूसरी ओर भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने करतारपुर गलियारे को लेकर चिंता जताई है। उनको आशंका है कि पाकिस्तान सिखों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर सकता है। इसके अलावा पाकिस्तान की अब तक की हरकतों को देखते हुए लगता है कि कॉरिडोर की आड़ में वह तस्करी, नशे और आंतकवाद को बढ़ावा देने की कोशिशों को शायद ज्यादा सफलता से करने के नापाक मंसूबे पाले हुए है। इसके लिए भारत को बहुत सावधान रहने की जरूरत होगी।
For more details :
Ensemble IAS Academy Call Us : +91 98115 06926, +91 6232282596
Email: [email protected] https://ensembleias.com/
#kartarpurcorridor #geographyoptional #upsc2020 #ias #k_siddharthasir #ensembleiasacademy #Gurdwara_Darbar_Sahib_Kartarpur #Sikh_shrines #Dera_Baba_Nanak _Sahib #Narowal_District #Punjab #India #Pakistan #Gurdaspur district