UPPSC 2019- सामान्य हिन्दी-प्रश्न-पत्र
ISRO-51
निर्धारित समय : तीन घंटे Time Allowed : Three Hours अधिकतम अंक : 150 Maximum Marks : 150
नोट : (i) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। (ii) प्रत्येक प्रश्न के अंक प्रश्न के अन्त में अंकित हैं। (iii) पत्र, प्रार्थना-पत्र या किसी अन्य प्रश्न के उत्तर के साथ अपना अथवा अन्य का नाम, पता एवं अनुक्रमांक न लिखें। आवश्यक होने पर क, ख, ग लिख सकते हैं।
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
मैं साहित्य को मनुष्य की दृष्टि से देखने का पक्षपाती हूँ। जो वाग्जाल मनुष्य को दर्गति, हीनता और परमुखापेक्षिता से बचा न सके, जो उसकी आत्मा को तेजोद्दीप्त न बना सके, जो उसके हृदय को परदुःखकातर और संवेदनशील न बना सके, उसे साहित्य कहने में मुझे संकोच होता है। मैं अनुभव करता हूँ कि हम लोग एक कठिन समय के भीतर से गुजर रहे है। आज नाना भाँति के संकीर्ण स्वार्थों ने मनुष्य को कुछ ऐसा अन्धा बना दिया है कि जाति-धर्म-निर्विशेष मनुष्य के हित की बात सोचना असम्भव हो गया है। ऐसा लग रहा है कि किसी विकट दुर्भाग्य के इंगित पर दलगत स्वार्थ-प्रेम ने मनष्यता को दबोच लिया हैएदनिया छोटे-छोटे संकीर्ण स्वार्थों के आधार पर अनेक दलों में विभक्त हो गई है। अपने दल के बाहर का आदमी सन्देह की दृष्टि से देखा जाता है। उसके रोने-गाने तक पर असदुद्देश्य का आरोप किया जाता है। उसके तप और सत्यनिष्ठा का मजाक उडाया जाता है।
(क) प्रस्तुत गद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। 5
(ख) साहित्य के लक्ष्य के विषय में उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर विचार कीजिए। 5
(ग) प्रस्तुत गद्यांश की रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए। 20
2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निर्देशानुसार उत्तर लिखिए ।
परिवर्तन से हम बच नहीं सकते। परिवर्तन से बचना अगति और दुर्गति को आमन्त्रित करना है। यद्यपि स्थिरता में किसी अंश में सुरक्षा है, तथापि बिना जोखिम लिए आगे नहीं बढ़ा जाता है। नियमों की स्थिरता जो विज्ञान में है और स्फूर्तिमय जीवन की गतिशीलता जो साहित्य में है, दोनों के बीच का हमें संतुलित मार्ग खोजना है। जीवन के संतुलनों में नए और पुराने का संतुलन भी विशेष महत्त्व रखता है। संसार की गतिशीलता के साथ हमको भी गतिशील होना पड़ेगा, किन्तु आँखें मूंदकर अंधकार की खाई में कूदना शूरता नहीं है। हमको आगे कदम बढ़ाना है किन्तु आँखें खोलकर। नवीन के लिए हम अपने मनमंदिर का द्वार सदा खुला रखें, पूर्वाग्रहों से काम न लें। उसके पक्ष और विपक्ष की युक्तियों को न्याय की तुला पर तौलें। एक सीमा के भीतर नए प्रयोगों को भी अपने जीवन में स्थान दें, किन्तु केवल नवीनता के प्रमाण-पत्र मात्र से सन्तुष्ट न हो जाएं। जिस तर्कबुद्धि को हम प्राचीन प्रथाओं के उन्मूलन में लगाते हैं उसी निर्मम तर्क को नवीन के परीक्षण में भी लगा किन्तु नवीन को भूत की भाँति भय का कारण न बनावें।
(क) प्रस्तुत गद्यांश को उचित शीर्षक दीजिए। 5
(ख) प्राचीन और नवीन में सन्तुलन क्यों आवश्यक है ? विचार कीजिए। 5
(ग) प्रस्तुत गद्यांश का संक्षेपण कीजिए। 20
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) ‘अधिसूचना’ को परिभाषित करते हुए मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षकों की सेवानिवृत्ति वय बढ़ाने के सन्दर्भ में एक अधिसूचना का प्रारूप तैयार कीजिए। 10
(ख ) स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ की ओर से सचिव, स्वास्थ्य मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली को भेजने के लिए एक अर्ध सरकारी पत्र का प्रारूप तैयार कीजिए जिसमें उत्तर प्रदेश में कुपोषण से जूझते बच्चों के इलाज के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मन्त्रालय पूर्व में मांगी गई सहायता को यथाशीघ्र स्वीकृत करने के लिए आग्रह किया गया हो। 10
4. निम्नलिखित उपसर्गो/प्रत्ययों से एक-एक शब्द की रचना कीजिए : 10
अधि, परि, भर, अठ, नि, खुश, इक, आइन, आई, अक्कड़
5. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए : 10
आवरण, कृतज्ञ, अज्ञ, नैसर्गिक, अधम, आहूत, सकर्मक, मान, घात, वैतनिक
6. (क) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए : 5
(i) यह आँखों से देखी घटना है।
(ii) सौ रुपया सधन्यवाद प्राप्त हुआ।
(iii) गीता ने सीता से पूछा कि सीता कहाँ चली गई थी?
(iv) दक्षिण का अधिकांश भाग पठार है।
(v) मैंने बोला कि कल मत आना।
(ख) निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी का संशोधन कीजिए : 5
शिक्षणेत्तर, उपरोक्त, सौहार्द्र, पूज्यनीय, सौजन्यता
7. निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक-एक शब्द लिखिए : 10
(i) आकाश को चूमने वाला।
(ii) सन्ध्या और रात के बीच का समय।
(iii) हमेशा रहने वाला।
(iv) सौ में सौ।
(v) जो बात वर्णन से परे हो।
8. निम्नलिखित मुहावरों/लोकोक्तियों के अर्थ स्पष्ट कीजिए और अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए। 30
(i) नक्कारखाने में तूती की आवाज़
(ii) मक्खी मारना
(iii) तिल का ताड़ बनाना
(iv) सिर आँखों पर बैठाना
(v) हवा का रंग देखना
(vi) ढाक के तीन पात
(vii) गुरु कीजे जान के, पानी पीजे छान के
(viii) कर खेती परदेस को जाए, वाको जनम अकारथ जाए।
(ix) फूहड़ चालें, नौ घर हालें
(x) अपनी करनी पार उतरनी ।