करतूतों से बाज नहीं आ रहा पाक | करतारपुर साहिब के करीब आतंकवादी शिविर | जम्मू-कश्मीर के नक्शे (Jammu and Kashmir Map) पर जताई आपत्ति
खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान के पंजाब राज्य के नारोवाल जिले में आतंकवादियों की प्रशिक्षण गतिविधियों का पता चला है। ये वही सीमावर्ती जिला है, जहां करतारपुर साहिब गुरद्वारा है। ये खुफिया चेतावनी ऐसे वक्त में मिली है, जब एक हफ्ते से भी कम वक्त में भारतीय श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारे को खोला जाना है। ये गलियारा भारतीय पंजाब के गुरदासपुर जिले में ‘डेरा बाबा नानक साहिब’ को पाकिस्तान के पंजाब में नारोवाल जिला स्थित ‘करतारपुर साहिब गुरद्वारे’ को जोड़ता है। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के मुरीदके, शकरगढ़ और नारोवाल में आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर हैं।
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इससे पहले सितंबर महीने के अंतिम हफ्ते में पाकिस्तान ने तरनतारन जिले में खालिस्तानी आतंकवादियों के लिए हथियारों और नकली मुद्रा गिराने के लिए सात से आठ बार जीपीएस युक्त ड्रोन का प्रयोग किया था। इन ड्रोन की भारवाहक क्षमता 10 किलोग्राम तक है। इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई थी। पंजाब की राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में मामले की जांच को एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का निर्णय किया था।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक पंजाब में पहली बार ऐसा मामला सामने आया, जब हथियारों और संचार उपकरणों और दूसरी सामग्री गिराने के लिए सीमा पार से ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। पाकिस्तान से इसके लिए उपयोग किया गया एक अधजला ड्रोन तरनतारन में पाया गया था। गुप्तचर एजेंसियों ने पहले ही करतारपुर साहिब गलियारे को खोले जाने पर पाकिस्तानी सरकार के अवांछित उत्साह को लेकर शंकायें जताई थी।उधर पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद भारत से जारी किए गए नए राजनीतिक नक्शे पर भी आपत्ति प्रकट की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2 नवंबर 2019 को दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का एक राजनीतिक मानचित्र जारी किया था।
इस नक्शे में दोनों नए केंद्र शासित प्रदेशों के तहत गिलगिट-बल्टिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के हिस्सों को भी शामिल किया गया है।पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के हिस्सों को भारत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर दिखाए जाने को पाकिस्तान ने गलत, कानूनी रूप से अपुष्ट, अमान्य और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पूर्ण उल्लंघन बताया है।
पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा कि भारत का कोई भी कदम संयुक्त राष्ट्र में जम्मू कश्मीर के “विवादित” स्वरूप की मान्यता को नहीं बदल सकता है। भारत सरकार के इस तरह के उपायों से भारत के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार आत्मनिर्णय के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए भारत के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर के लोगों के कानूनी संघर्ष को अपना समर्थन देना जारी रखेगा।
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उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने शनिवार को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के केंद्र-शासित प्रदेश बनने के बाद नया नक्शा जारी किया था। भारत के सर्वेयर जनरल ने इस नक्शे को तैयार किया है। 1947 में जम्मू कश्मीर में 14 जिले होते थे- कठुआ, जम्मू, उधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामुला, पूंछ, मीरपुर, मुजफ्फराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगिट, गिलगिट वजारत, चिल्लाह और ट्रायबल टेरिटरी। 2019 में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन करते हुए 14 जिलों को 28 जिलों में बदल दिया है। जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को भारत ने 5 अगस्त, 2019 को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का भी निर्णय लिया गया था। इस फैसले के बाद 31 अक्टूबर को दोनों केंद्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आ गए।
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