Freight Corrido फ्रेट कॉरिडोर

Freight Corridor फ्रेट-कॉरिडोर: 21 वीं सदी में गेम चेंजर होंगे फ्रेट कॉरिडोर

Freight Corrido फ्रेट कॉरिडोर

Dedicated Freight Corridor २१ वीं सदी में गेम चेंजर होंगे Freight Corridor फ्रेट-कॉरिडोर

देश में आज पहली बार इलेक्ट्रिक ट्रैक पर 1.5 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी ने दौड़ लगाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)  वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Western Dedicated Freight Corridor) के रेवाड़ी-मदार खंड सहित इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलने वाली 1.5 किलोमीटर लंबी दुनिया की पहली डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन को हरी झंडी दिखाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेकर इस ट्रेन को देश को समर्पित किया। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ राजस्थान और हरियाणा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी शामिल थे।

इस अवसर में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए चल रहे महायज्ञ ने आज एक नई गति हासिल की है। बीते दिनों आधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर किए गये हैं। न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ तक 1.5 किलोमीटर लंबी मालगाड़ियों की शुरुआत के साथ आज भारत दुनिया के गिने चुने देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन NCR, हरियाणा और राजस्थान के किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों के लिए नए अवसर लाया है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर चाहे ईस्टर्न हो या वेस्टर्न ये सिर्फ मालगाड़ियों के लिए आधुनिक रुट नहीं हैं।ये देश के तेज विकास के कॉरिडोर हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्विट कर लिखा था कि बिजली के कर्षण पर चलने वाली कंटेनर ट्रेन में दुनिया का पहला डबल स्टैक लॉन्ग हॉल 1.5 किमी रवाना किया जाएगा. यह फिर से आर्थिक गतिविधियों को लाभान्वित करेगा और कई नागरिकों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करेगा.Pm Modi Tweet

जानिए किसे कहते हैं DFC कॉरिडोर

दरअसल DFC कॉरिडोर कुशल माल परिवहन प्रणाली के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान में हरियाणा और महाराष्ट्र को जोड़ने वाले पश्चिमी DFC और पंजाब और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाले पूर्वी DFC निर्माणाधीन हैं। आज प्रधानमंत्री ने जिस इलेक्ट्रिक ट्रैक की शुरुआत की है, उसकी संयुक्त लंबाई लगभग 2,843 किमी है। उत्तर-दक्षिण (दिल्ली-तमिलनाडु), पूर्व-पश्चिम (पश्चिम बंगाल-महाराष्ट्र), पूर्व-दक्षिण (पश्चिम बंगाल-आंध्र प्रदेश) और दक्षिण-दक्षिण (तमिलनाडु-गोवा) DFC की योजना बनाई जा रही है।

औद्योगिक इकाइयों को होगा फायदा

गौरतलब है कि Western Dedicated Freight Corridor का न्‍यू रेवाड़ी- मदार खण्‍ड हरियाणा और राजस्‍थान में आता है। इस पूरे कॉरिडोर में 9 नए मालवाहक गलियारा स्‍टेशन हैं। इनमें 3 जंक्‍शन स्‍टेशन न्‍यू रेवाड़ी, न्‍यू अटेली और न्‍यू फुलेरा हैं। रेलगाडियों की आवाजाही शुरू हो जाने से हरियाणा के रेवाडी, मानेसर, नारनौल, फुलेरा और राजस्‍थान के किशनगढ़ की औद्योगिक इकाइयों को काफी फायदा होगा।

वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की ये है खासियतFreight Corrido फ्रेट कॉरिडोर

– कॉरिडोर का इस्तेमाल सिर्फ सामान की ढुलाई के लिए होगा, इसलिए तेजी से माल सप्लाई करने की सुविधा होगी।

– मालवाहक ट्रेनें अधिकतम 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी, बड़ी संख्या में माल भाड़ा और सामान पहुंचाने में मदद मिलेगी।

– उत्तर भारत में मल्डी-मॉडल लॉजिस्टक हब और दिल्ली मुंबई के बीच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जुड़ेंगे, व्यापार में तेजी से बढ़ोतरी होगी।

– इससे राजस्थान के काठूवास में स्‍थ‍ित कॉनकोर के कन्‍टेनर डिपो का भी बेहतर इस्‍तेमाल हो सकेगा ।

– यह कॉरिडोर गुजरात में स्थित कान्‍डला, पीपावाव, मुंद्रा और दाहेज बंदरगाहों से सामान की ढुलाई को भी आसान बना देगा।

Freight Corridor फ्रेट-कॉरिडोर

Source: Naidunia 

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