2019 में Sci.& Tech. के मामले में भारत हुआ विजयी

साल 2019 में भारत ने विज्ञान और तकनीकी के मामले में दर्ज की कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां

भारत के दृष्टिकोण से Science & Technology: विज्ञान और तकनीकी के मामले में साल 2019 कई नई शुरुआतों को लेकर आया।
2019 के इस वर्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपनी हाफ सेंचुरी का रिकार्ड बनाया, जैसे 50 विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष की कक्ष में स्थापित करना और अपने उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के माध्यम से 50वें मिशन का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण शामिल है।
हालाँकि, इस सफल यात्रा में वह क्षण भी आया जब चंद्र की सतह पर भेजा गया। भारत के चन्द्रायन-2 से विक्रम लैंडर की क्रैश लैंडिंग हुई। यह इसरों के लिए एक झटका जरुर था, लेकिन इसरों इसे सफलतापूर्वक आगे जरूर बढ़ाएगा।

Visit our store at http://online.ensemble.net.in

इस साल इसरो और अंतरिक्ष विभाग (डी.ओ.एस.) ने तमिलनाडु में एक नए रॉकेट लॉन्च पैड स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए; स्वदेशी रूप से विकसित नेविगेशन प्रोसेसर चिप के साथ उड़ने वाले भारतीय रॉकेट का निर्माण; रॉकेट बनाने में निजी क्षेत्र को शामिल करने के लिए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड का गठन और एंट्रिक्स कॉरपोरेशन की व्यावसायिक गतिविधियों को भी संभालना, इसरो की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल है।
ऐसे ही 319विदेशी उपग्रह को प्रक्षेपण; चंद्रयान-3 नामक एक अन्य चंद्रमा लैंडिंग मिशन की तैयारी का निर्णय; ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर की स्थापना; युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम की शुरुआत; अतंरिक्ष में मानव को भेजने के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चुनना और उनके प्रशिक्षिण के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर, भारत की कुछ अन्य प्रमुख सफलताओं में शामिल हैं।

View our Blog: https://ensembleias.com/blog/


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दुनिया के सबसे हल्के उपग्रह – कलाम SAT V2 को पृथ्वी की कक्षा में रखा है। इसके साथ ही इमेजिंग सैटेलाइट माइक्रोसेट-आर को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है। इन दोनों उपग्रहों को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV 44 प्रक्षेपण यान के माध्यम से प्रक्षेपित किया गया।
जून में इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने यह घोषणा करते हुए देश को चौंका दिया कि देश के पहले मानवयुक्त मिशन के बाद अगले 5 से 7 वर्षों में अपना 20 टन का स्पेस स्टेशन बनाएगा।
सिवन के अनुसार PSLV ने अब तक कुल 52.7 टन का भार उठाया है और उसमें से 17 प्रतिशत विदेशी उपग्रह हैं।
सिवन ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी के पास 2020 में कई और मिशन हैं, जिनमें नए रॉकेट SSLV की उद्घाटन उड़ान भी शामिल है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने हाल ही में गंगा की पूरी लंबाई के साथ सूक्ष्म विविधता की समीक्षा के लिए अध्ययन करने का निर्णाय लिया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि 2,500 किलोमीटर लंबी नदी में ऐसे कीटाणु मौजूद हैं जो ‘एंटीबायोटिक प्रतिरोध’ को बढ़ावा दे सकते हैं।’
ऐसे ही भारत ने सात आधार इकाइयों में से चार को फिर से परिभाषित करने के एक वैश्विक प्रस्ताव को स्वीकार किया है, जिसमें किलोग्राम, केल्विन, मोल और एम्पीयर शामिल हैं। इस कदम का पाठ्यपुस्तकों में बदलाव सहित कई दूरगामी प्रभाव होंगे। पिछले साल पेरिस में आयोजित एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में यह घोषणा की गई थी, जिसमें 60 देशों के प्रतिनिधियों ने सात आधार इकाइयों में से चार को फिर से परिभाषित करने का प्रस्ताव पारित किया था।

भारत की इन शानदार उपलब्धियों को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले समय में विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में भारत एक नई उड़ान के लिए तैयार है।

For more details : Ensemble IAS Academy Call Us : +91 98115 06926, +91 7042036287

Email: [email protected]

Visit us:-  https://ensembleias.com/

#ISRO, #DOS, #PSLV, #SSLV, #kelvin, #mol, #ampere, #kg, #chandrayaan_2, #chandrayaan_3, #IAF, #navigation_processor, #human_space_flight_Center, #humans_in_space, #imaging_satellite, #microsat_R, #ganga_strech, #good_bacteria_in_ganga, #micro_bacteria_in_ganga, #antibiotics_in_ganga,