नोबेल विजेता की राय: भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार अस्थिर | Abhijit Banerjee | Nobel Economics |

नोबेल विजेता की राय: भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार अस्थिर
नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार अस्थिर है।
उनके अनुसार वर्तमान आंकड़े भी इसमें जल्दी सुधार के लिये आश्वस्त नहीं कर रहे हैं।
बनर्जी का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत डांवाडोल है।
भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्तेर डुफ्लो और एक अन्य अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से “वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए प्रायोगिक दृष्टिकोण” के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार मिला है।
बनर्जी वर्तमान में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं।
2013 में संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी जनरल बान की मून ने अभिजीत बनर्जी को मिलेनियम डेवलपमेंट गोल बनाने वाली टीम में शामिल किया था।
अभिजीत ने पहली किताब 2005 में वोलाटिलिटी एंड ग्रोथ लिखी थी।
2011 में आई उनकी किताब पूअर इकोनॉमिक्सः ए रेडिकल रीथीकिंग ऑफ द वे टू फाइट ग्लोबल पॉवर्टी से उन्हें प्रसिद्धि मिली।

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