सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम आए हैं। बहुत सारे विद्यार्थी जिनका यह अंतिम अवसर था वह इस बार उत्तीर्ण नहीं हो पाए। तो ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को हमेशा यह आशंका रहती है कि वह क्याकरे क्या नहीं। क्या यह जीवन का अंत है, क्या यहां से ही जीवन की धारा बदल जाती है, क्या अब जीवन भर अपमान सहना पड़ेगा, क्या अब जीवन में कभी भी किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिलेगी, पहचान नहीं मिलेगी, क्या जीवन हमेशा इसके बाद संघर्षमय हो जाएगा, क्या इसके बाद उनका पारिवारिक संबंध भी नहीं बन पाएगा, क्या उनका शादी ब्याह भी नहीं हो पाएगा, क्या उन्हें देश को बदलने के लिए जो अवसर मिलने वाले थे वह भी मिलेंगे या नहीं इत्यादि।
यह संगोष्ठी इस बात पर संकेत करता है कि आप कैसे इस सफलता या असफलता को देखते हैं।
सिविल सर्विसेज परीक्षा में उत्तीर्ण होने से ही सिर्फ आपकी सफलता नहीं आंकी जाती है।
सफलता आपकी कहां आंकी जाती है, कैसे आती है, कब आती आती है, यह ज्ञान और विद्वता भी आसानी से नहीं आ पाती।
हो सकता है इस बार अभी सफल नहीं हो पाए लेकिन आप कल्पना कीजिए आप 15 सालों के बाद में किसी स्थान पर से संसद सदस्य हो जाएं, आप सोचिए आप के नीचे में कम से कम ऐसे 20-25 सिविल सर्वेंट्स रहेंगे, काम कर रहे होंगे।
आप ऐसे सोचिए कि 20 सालों के उपरांत में आप 20-30 हजार करोड़ रुपए अर्जित कर पाते हैं, जैसे कुछ लोगों ने किया है। सिविल सर्विसेज की परीक्षा को छोड़कर उन्होंने ई कॉमर्स प्लेटफार्म बना लिया और आज वह अरबों में खेल खा रहे हैं ।
यह भी संभव है कि आज आपका समय नहीं है, आपका समय आने शेष है। हो सकता है आज आपका समय नहीं हो 5 वर्ष के बाद आपका ही समय हो ।
क्या ऐसा नहीं है कि सबका अपना समय आता है?
जीवन में सिर्फ एक ही पहलू स्थिर होती है और वह है परिवर्तन।
आप किसी से भी पूछेंगे तो आपको जानकारी मिल पाएगी कि जितने भी आने वाले समय में या पहले के जितने भी लोग हुआ करते थे, जो बहुत ही सबसे अच्छे विद्यार्थी हो गए तो आज वे डॉक्टर हैं या इंजीनियर हैं या फिर उच्च श्रेणी के प्रबंधक हैं, पर जो सबसे गए गुजरे हुए लोग हुआ करते थे वे शासक बन कर बैठे हुए हैं।
कल अच्छे विद्यार्थियों का समय था आज बैक बेंचर का है।
निश्चिंत रहिये आपका समय आ रहा है। और जरूर आएगा।