15 अगस्त 1947 आजादी के बाद पहली बार 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ था। इसलिए इस दिन का गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
यह दिन राष्ट्रीय गर्व का दिन है। यह हमें हमारे संविधान की विभिन्न मूल्यों की भी याद दिलाता है, आपको बता दें कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी।
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आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ. बी. आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ।
भारतीय गणतंत्र दिवस की पहली परेड इर्विन स्टेडियम में 26 जनवरी, 1950 को हुई थी जिसे अब नेशनल स्टेडियम कहा जाता है। अब यह परेड राजपथ पर होती है
देश के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने 26 जनवरी 1950 बृहस्पतिवार के दिन सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करते हुए डॉ. राजेंद्र प्रसाद को देश के पहले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ दिलाई थी।
पहले गणतंत्र दिवस के दिन भारतीय राष्ट्रपति को तोपों की सलामी दी गई जो एक परंपरा बन गई और आज भी कायम है। तोपों की सलामी के बाद परेड की शुरूआत हुई थी जो आज भी जारी है जिसे देखने के लिए उस समय स्टेडियम में 1500 से ज्यादा लोग पहुंचे थे।
पहले गणतंत्र दिवस पर डा. राजेन्द्र प्रसाद ने तिरंगा झंडा फहराकर परेड की सलामी ली। इस परेड में भारतीय सशस्त्र सेना के तीनों बलों ने भाग लिया था जिनमें नौसेना, इन्फेंट्री, कैवेलेरी रेजीमेंट, सर्विसेज रेजीमेंट के अलावा सेना के 7 बैंड भी शामिल थे।
स्वतंत्र भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो बने थे।
इस दिन की शुरुआत भारतीय सेना परेड और सभी राज्यों की सुन्दर झांकी का प्रदर्शन भी करती है तथा इस दिन मुख्य अतिथि के रूप में वहाँ राष्ट्रपती, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सेना प्रमुख जनरल होते हैं । इसके अलावा देश भर से चुने गए NCC कैडेट भी परेड कर अपना प्रदर्शन करते हैं ।
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को प्रधानमंत्री द्वारा इण्डिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती हैं ।
बलिदानों का सपना जब सच हुआ, देश तभी आजाद हुआ,
आज सलाम करें उन वीरों को , जिनकी शहादत से भारत गणतंत्र हुआ।
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“सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा” जय हिंद !!