राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की आज पुण्यतिथि है। नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की गोली मार कर हत्या कर दी थी। 30 जनवरी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस मौके पर महात्मा गांधी के साथ-साथ देश के लिए अपना बलिदान देने वाले अन्य शहीदों को भी याद किया जाता है।बापू की पुण्यतिथि को हर साल शहीद दिवस (Martyrs’ Day) के रूप में मनाया जाता है। जब नाथूराम गोडसे द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की गई, उन लम्हों की एकमात्र गूंज इतिहास में आज भी सुनाई देती है, जो कहती है… हे राम। यही वे आखिरी शब्द थे, जब गोली लगने के संसाद से अंतिम विदाई के पहले गांधी जी के मुख से निकले थे। उस वक्त शाम के 5.17 बज रहे थे, जब गांधीजी पर तीन बार गोलियां दागी गईं। गोडसे ने बापू के साथ खड़ी महिला को हटाया और अपनी सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल से एक बाद के एक तीन गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। महात्मा गांधी की शवयात्रा को आजाद भारत की सबसे बड़ी शवयात्रा कहा जाता है। गांधी जी को अंतिम विदाई देने के लिए करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और 15 लाख लोग रास्ते में खड़े थे।
30 जनवरी को भारत के सभी गणमान्य हस्तियां महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर आते हैं और गांधीजी को श्रद्धांजलि देते हैं , और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदानों को याद किया जाता है।
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॥ वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड पराई जाणे रे, पर दु:खे उपकार करे तोये मन अभिमान न आणे रे ॥
गांधी चेतना का चिंतन थे और चिंतन की चिंता थे। वे मानते थे कि जिस देश या समाज के पास चिंतन और चेतना नहीं, वह ज्ञान और सेवा का देश या समाज नहीं बन सकता। संयम उनकी साधना थी, नियम उनकी नैतिकता थी और संयम उनका लोक व्यवहार था।महात्मा गांधी को प्यार से लोग बापू भी बुलाते हैं। अहिंसा और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सबसे प्रमुख भूमिका निभाई। गांधी जी आज हमारे बीच भले नहीं है, पर उनके विचार आज भी लाखों लोगों में जिंदा है | गांधी जी के विचारों पर चलकर लाखों युवाओं ने अपने जीवन को बदला है |
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आइये जानते हैं बापू के विचारों के बारे में……..
- ”ऐसे जिएं जैसे कि आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है.”
- ”डर शरीर की बीमारी नहीं है, यह आत्मा को मारता है”
- “विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता की जननी”
- ”जो समय बचाते हैं वे धन बचाते हैं और बचाया धन कमाए हुए धन के समान महत्वपूर्ण है.”
- ”आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी.”
- ”आजादी का कोई मतलब नहीं, यदि इसमें गलती करने की आजादी शामिल न हो”
- “प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है जिसे आप दूसरों पर छिड़कते हैं तो कुछ बूंदे आप पर भी पड़ती हैं”
- ”पहले वह आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर आप पर हंसेंगे, फिर आपसे लड़ेंगे और तब आप जीत जाएंगे”
- ”व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं उसके चरित्र से होती है”
- “आप जो भी करते हैं वह कम महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप कुछ करें”