GENERAL STUDIES Paper-IV- 2022 / सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र IV-2022 CIVIL SERVICES (MAIN) ETA 2022
सामान्य अध्ययन (प्रश्न–पत्र–IV)
| निर्धारित समय: तीन घण्टे | अधिकतम अंक: 250
प्रश्न-पत्र सम्बन्धी विशेष अनुदेश
(उत्तर देने के पूर्व निम्नलिखित निर्देशों को कृपया सावधानीपूर्वक पढ़िए)
इसमें बारह प्रश्न हैं जो दो खण्डों में विभाजित हैं तथा हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में छपे हुए हैं।
सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
प्रत्येक प्रश्न/भाग के लिए नियत अंक उसके सामने दिए गए हैं।
प्रश्नों के उत्तर उसी प्राधिकृत माध्यम में लिखे जाने चाहिए, जिसका उल्लेख आपके प्रवेश-पत्र में किया गया है, और इस माध्यम का स्पष्ट उल्लेख प्रश्न-सह-उत्तर (क्यू० सी० ए०) पुस्तिका के मुखपृष्ठ पर निर्दिष्ट स्थान पर किया जाना चाहिए। प्राधिकृत माध्यम के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम में लिखे गए उत्तर पर कोई अंक नहीं मिलेंगे।
प्रश्नों में इंगित शब्द-सीमा को ध्यान में रखिए।
प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में खाली छोड़े गए कोई पृष्ठ अथवा पृष्ठ के भाग को स्पष्ट रूप से काटा जाना चाहिए।
GENERAL STUDIES (PAPER-IV)
| Time Allowed: Three Hours |
| Maximum Marks: 250 |
QUESTION PAPER SPECIFIC INSTRUCTIONS
(Please read each of the following instructions carefully before attempting questions)
There are TWELVE questions divided in two Sections and printed both in HINDI and in ENGLISH.
All questions are compulsory.
The number of marks carried by a question/part is indicated against it.
Answers must be written in the medium authorized in the Admission Certificate which must be stated clearly on the cover of this Question-cum-Answer (QCA) Booklet in the space provided. No marks will be given for answers written in a medium other than the authorized one.
Keep the word limit indicated in the questions in mind.
Any page or portion of the page left blank in the Question-cum-Answer Booklet must be clearly struck off.
खण्ड-A I SECTION-A
- (a) बुद्धिमानी में निहित है कि किसका ध्यान रखा जाए और क्या अनदेखा किया जाए। नौकरशाही में अपने सामने केमुख्य मुद्दों को अनदेखा करते हुए परिधि में लीन रहने वाले अधिकारी दुर्लभ नहीं हैं। क्या आप इस बात से सहमत हैं कि प्रशासक की इस तरह की व्यस्तता प्रभावी सेवा वितरण और सुशासन की लक्ष्य-प्राप्ति की प्रक्रिया में न्याय की विडंबना है? विश्लेषणात्मक मूल्यांकन कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Wisdom lies in knowing what to reckon with and what to overlook. An officer being engrossed with the periphery, ignoring the core issues before him, is not rare in the bureaucracy. Do you agree that such preoccupation of an administrator leads to travesty of justice to the cause of effective service delivery and good governance? Critically evaluate. (Answer in 150 words) 10
(b) बौद्धिक दक्षता और नैतिक गुणों के अलावा सहानुभूति और करुणा कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण वैशिष्ट्य हैं, जो सिविल सेवकों को निर्णायक मामलों को सुलझाने अथवा महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में अधिक सक्षम बनाते हैं। उपयुक्त उदाहरणों के साथ व्याख्या कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Apart from intellectual competency and moral qualities, empathy and compassion are some of the other vital attributes that facilitate the civil servants to be more competent in tackling the crucial issues or taking critical decisions. Explain with suitable illustrations. (Answer in 150 words) 10
- (a) सभी सिविल सेवकों को प्रदान किए गए नियम और विनियम समान हैं, फिर भी प्रदर्शन में अंतर है। सकारात्मकसोच वाले अधिकारी नियमों और विनियमों के मामले के पक्ष में व्याख्या करने और सफलता प्राप्त करने में समर्थ होते हैं, जबकि नकारात्मक सोच वाले अधिकारी मामले के खिलाफ समान नियमों और विनियमों की व्याख्या करके लक्ष्य प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं। सोदाहरण विवेचन कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- The Rules and Regulations provided to all the civil servants are same, yet there is difference in the performance. Positive minded officers are able to interpret the Rules and Regulations in favour of the case and achieve success, whereas negative minded officers are unable to achieve goals by interpreting the same Rules and Regulations against the case. Discuss with illustr(Answer in 150 words) 10
(b) यह माना जाता है कि मानवीय कार्यों में नैतिकता का पालन किसी संगठन/व्यवस्था के सुचारु कामकाज को सुनिश्चित करेगा। यदि हाँ, तो नैतिकता मानव जीवन में किसे बढ़ावा देना चाहती है? दिन-प्रतिदिन के कामकाज में उसके सामने आने वाले संघर्षों के समाधान में नैतिक मूल्य किस प्रकार सहायता करते हैं? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
It is believed that adherence to ethics in human actions would ensure in smooth functioning of an organization/system. If so, what does ethics seek to promote in human life? How do ethical values assist in the resolution of conflicts faced by him in his day-to-day functioning? (Answer in 150 words) 10
- निम्नलिखित में से प्रत्येक उद्धरण का आपके विचार से क्या अभिप्राय है?
. What does each of the following quotations mean to you?
- “आपको क्या करने का अधिकार है और आपको क्या करना उचित है के बीच के अंतर को जानना नैतिकता है।” -पॉटर स्टीवर्ट (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
“Ethics is knowing the difference between what you have the right to do and what is right to do.”— Potter Stewart (Answer in 150 words) 10
(b) “अगर किसी देश को भ्रष्टाचारमुक्त होना है और खूबसूरत दिमागों का देश बनना है, तो मैं दृढ़ता से मानता हूँ कि तीन प्रमुख सामाजिक सदस्य हैं, जो बदलाव ला सकते हैं। वे हैं पिता, माता और शिक्षक।” ए० पी० जे० अब्दुल कलाम (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
“If a country is to be corruption free and become a nation of beautiful minds, I strongly feel that there are three key societal members who can make a difference. They are father, mother and teacher.” A. P. J. Abdul Kalam
(Answer in 150 words) 10
- “आपकी सफलता का आकलन इस बात से हो कि इसे पाने के लिए आपको क्या छोड़ना पड़ा।” दलाई लामा (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
“Judge your success by what you had to give up in order to get it.” —Dalai Lama (Answer in 150 words) 10
- (a) ‘सुशासन’ से आप क्या समझते हैं? राज्य द्वारा ई-शासन के मामले में उठाई गई हालिया पहलों ने लाभार्थियों कोकहाँ तक सहायता पहुँचाई है? उपयुक्त उदाहरणों के साथ विवेचन कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
What do you understand by the term ‘good governance’? How far recent initiatives in terms of e-Governance steps taken by the State have helped the beneficiaries? Discuss with suitable examples. (Answer in 150 words) 10
(b) ऑनलाइन पद्धति का उपयोग दिन-प्रतिदिन प्रशासन की बैठकों, सांस्थानिक अनुमोदन और शिक्षा क्षेत्र में शिक्षण तथा अधिगम से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र में सक्षम अधिकारी के अनुमोदन से टेलीमेडिसिन तक लोकप्रिय हो रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि लाभार्थियों और व्यवस्था दोनों के लिए बड़े पैमाने पर इसके लाभ और हानियाँ हैं। विशेषतः समाज के कमजोर समुदाय के लिए ऑनलाइन पद्धति के उपयोग में शामिल नैतिक मामलों का वर्णन तथा विवेचन कीजिए।
(उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Online methodology is being used for day-to-day meetings, institutional approvals in the administration and for teaching and learning in education sector to the extent telemedicine in the health sector is getting popular with the approvals of the competent authority. No doubt, it has advantages and disadvantages for both the beneficiaries and the system at large. Describe and discuss the ethical issues involved in the use of online method particularly to the vulnerable section of the society. (Answer in 150 words) 10
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- 5. (a) पिछले सात महीनों से रूस और युक्रेन के बीच युद्ध जारी है। विभिन्न देशों ने अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र स्टैंड लिया है और कार्यवाही की है। हम सभी जानते हैं कि मानव त्रासदी समेत समाज के विभिन्न पहलुओं पर युद्ध का अपना असर रहता है। वे कौन-से नैतिक मुद्दे हैं, जिन पर युद्ध शुरू करते समय और अब तक इसकी निरंतरता पर विचार करना महत्त्वपूर्ण है? इस मामले में दी गई स्थिति में शामिल नैतिक मुद्दों का औचित्यपूर्ण वर्णन कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Russia and Ukraine war has been going on for the last seven months. Different countries have taken independent stands and actions keeping in view their own national interests. We are all aware that war has its own impact on the different aspects of society, including human tragedy. What are those ethical issues that are crucial to be considered while launching the war and its continuation so far? Illustrate with justification the ethical issues involved in the given state of affair. (Answer in 150 words)10
(b) निम्नलिखित में से प्रत्येक पर 30 शब्दों में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:
Write short notes on the following in 30 words each:
(i) सांविधानिक नैतिकता
Constitutional morality
(ii) हितों का संघर्ष
Conflict of interest
(ii) सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा
Probity in public life
(iv) डिजिटिकरण की चुनौतियाँ
Challenges of digitalization
(v) कर्तव्यनिष्ठा
Devotion to duty
- (a) भ्रष्टाचार-सूचक (ह्विसल-ब्लोअर) संबंधित अधिकारियों को भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों, गलत काम औरदुराचार की रिपोर्ट करता है। वह निहित स्वार्थों, आरोपी व्यक्तियों तथा उनकी टीम द्वारा गंभीर खतरे, शारीरिक नुकसान और उत्पीड़न के चपेट में आने का जोखिम उठाता है। आप भ्रष्टाचार-सूचक (ह्विसल-ब्लोअर) की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा व्यवस्था हेतु किन नीतिगत उपायों का सुझाव देंगे? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Whistle-blower, who reports corruption and illegal activities, wrongdoing and misconduct to the concerned authorities, runs the risk of being exposed to grave danger, physical harm and victimization by the vested interests, accused persons and his team. What policy measures would you suggest to strengthen protection mechanism to safeguard the whistle-blower?
(Answer in 150 words) 10
(b) समकालीन दुनिया में धन और रोजगार उत्पन्न करने में कॉर्पोरेट क्षेत्र का योगदान बढ़ रहा है। ऐसा करने में वे जलवायु, पर्यावरणीय संधारणीयता और मानव की जीवन-स्थितियों पर अप्रत्याशित हमले कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में, क्या आप पाते हैं कि कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सी० एस० आर०) कॉर्पोरेट जगत् में आवश्यक सामाजिक भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को पूरा करने में सक्षम और पर्याप्त है जिसके लिए सी० एस० आर० अनिवार्य है? विश्लेषणात्मक परीक्षण कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
In contemporary world, corporate sector’s contribution in generating wealth and employment is increasing. In doing so, they are bringing in unprecedented onslaught on the climate, environmental sustainability and living conditions of human beings. In this background, do you find that Corporate Social Responsibility (CSR) is efficient and sufficient enough to fulfill the social roles and responsibilities needed in the corporate world for which the CSR is mandated? Critically examine. (Answer in 150 words) 10
खण्ड-B / SECTION-B
- प्रभात एक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनी स्टर्लिंग इलेक्ट्रिक लिमिटेड में उपाध्यक्ष (विपणन) के रूप में कार्यरत था। लेकिन फिलहाल कंपनी मुश्किल दौर से गुजर रही थी क्योंकि पिछली दो तिमाहियों से बिक्री में लगातार गिरावट का रुख दिखाई पड़ रहा था। उसका डिवीजन, जो अब तक कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य में एक प्रमुख राजस्व अंशदाता था, अब उनके लिए कुछ बड़े सरकारी ऑर्डर प्राप्त करने के लिए भरसक प्रयास कर रहा था। लेकिन उनके सर्वोत्तम प्रयासों को कोई सकारात्मक सफलता नहीं मिली। उसकी कंपनी पेशेवर थी और उसके स्थानीय मालिकों पर उनके लंदन स्थित मुख्यालय की ओर से कुछ सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित करने का दबाव था। कार्यकारी निदेशक (भारतीय प्रमुख) द्वारा की गई पिछली कार्य-समीक्षा बैठक में उसे उसके खराब प्रदर्शन के लिए फटकार लगाई गई थी। उसने उन्हें आश्वासन दिया कि उसका डिवीजन ग्वालियर के पास एक गुप्त संस्थापन के लिए रक्षा मंत्रालय से एक विशेष अनुबंध पर काम कर रहा है और जल्द ही निविदा जमा की जा रही है। वह अत्यधिक दबाव में था और बहुत परेशान था। जिस बात ने हालात को और बदतर बना दिया, वह थी, ऊपर से एक चेतावनी कि यदि कंपनी के पक्ष में सौदा नहीं हुआ तो उसका डिवीजन बंद करना पड़ सकता है और उसे अपनी लाभप्रद नौकरी छोड़नी पड़ सकती है। एक और आयाम था जो उसे गहरी मानसिक यातना और पीड़ा पहुँचा रहा था। यह उसके व्यक्तिगत अनिश्चित वित्तीय स्वास्थ्य से संबंधित था। वह दो स्कूल-कॉलेज जानेवाले बच्चों और अपनी बीमार बूढ़ी माँ वाले परिवार में अकेला कमाने वाला था। शिक्षा व चिकित्सा पर भारी खर्च के कारण उसके मासिक वेतन वाले पैकेट पर भारी दबाव पड़ रहा था। बैंक से लिए गए गृह ऋण के लिए नियमित ई० एम० आइ० अपरिहार्य थी और चूक करने पर उसे गंभीर कानूनी कार्रवाई के लिएउत्तरदायी होना होगा। उपर्युक्त पृष्ठभूमि में वह किसी चमत्कार के घटित होने की उम्मीद कर रहा था। अचानक घटनाक्रम में बदलाव आ गया। उसके सचिव ने बताया कि एक सज्जन, सुभाष वर्मा उनसे मिलना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें कंपनी में प्रबंधक के पद में दिलचस्पी है जिसे कंपनी को भरना है। पुनः उसने उनके संज्ञान में लाया कि उसका आत्मवृत्त रक्षामंत्री के कार्यालय के माध्यम से प्राप्त हुआ है। उसने उम्मीदवार, सुभाष वर्मा के साक्षात्कार के दौरान उसे तकनीकी रूप से मजबूत, साधन-संपन्न और अनुभवी विक्रेता महसूस किया। ऐसा प्रतीत होता था कि वह निविदा प्रक्रिया से भली-भाँति परिचित है और इस संबंध में अनुवर्ती कार्रवाई व अंतर्सम्बंधन में निपुण है। प्रभात को लगा कि उसकी उम्मीदवारी अन्य उम्मीदवारों की तुलना में बेहतर है, जिनका साक्षात्कार हाल में, पिछले कुछ दिनों में उसने लिया था। सुभाष वर्मा ने यह भी संकेत किया कि उसके पास बोली दस्तावेजों की प्रतियाँ हैं जिन्हें यूनीक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड अगले दिन रक्षा मंत्रालय को उसकी निविदा के लिए प्रस्तुत करेगा। उसने उन दस्तावेजों को सौंपने की पेशकश की बशर्ते उसे कंपनी में उपयुक्त नियमों और शर्तों पर रोजगार दिया जाए। उसने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में स्टर्लिंग इलेक्ट्रिक लिमिटेड अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी को पछाड़ सकती है और बोली प्राप्त कर सकती है तथा रक्षा मंत्रालय का भारी-भरकम ऑर्डर प्राप्त कर सकती है। उसने संकेत दिया कि यह उसकी तथा कंपनी दोनों के लिए जीत ही जीत होगी। प्रभात बिलकुल स्तब्ध था। यह सदमा और रोमांच की मिली-जुली अनुभूति थी। वह असहज होकर पसीना-पसीना हो गया। यदि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो उसकी सभी समस्याएँ तुरंत गायब हो जाएँगी और उसे बहुप्रतीक्षित निविदा हासिल करने और कंपनी की बिक्री और वित्तीय स्वास्थ्य को बढावा देने के लिए पुरस्कृत किया जा सकता है। वह भविष्य की कार्रवाई को लेकर असमंजस में था। वह अपनी खुद की कंपनी के कागजात को चोरी-छिपे हटाने और नौकरी के लिए प्रतिद्वंद्वी कंपनी को पेशकश करने में सुभाष वर्मा की हिम्मत पर आश्चर्यचकित था। एक अनुभवी व्यक्ति होने के नाते, वह इस प्रस्ताव/स्थिति के पक्ष-विपक्ष की जाँच कर रहा था और उसने उसे अगले दिन आने के लिए कहा।
(a) इस मामले से संबंधित नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिए।
(b) उपर्युक्त मामले में प्रभात के लिए उपलब्ध विकल्पों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) उपर्युक्त में से कौन-सा विकल्प प्रभात के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होगा और क्यों? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
Prabhat was working as Vice President (Marketing) at Sterling Electric Ltd., a reputed multinational company. But presently the company was passing through the difficult times as the sales were continuously showing downward trend in the last two quarters. His division, which hitherto had been a major revenue contributor to the company’s financial health, was now desperately trying to procure some big government order for them. But their best efforts did not yield any positive success or breakthrough.
His was a professional company and his local bosses were under pressure from their London-based HO to show some positive results. In the last performance review meeting taken by the Executive Director (India Head), he was reprimanded for his poor performance. He assured them that his division is working on a special contract from the Ministry of Defence for a secret installation near Gwalior and tender is being submitted shortly.
He was under extreme pressure and he was deeply perturbed. What aggravated the situation further was a warning from the top that if the deal is not clinched in favour of the company, his division might have to be closed and he may have to quit his lucrative job.
There was another dimension which was causing him deep mental torture and agony. This pertained to his personal precarious financial health. He was a single earner in the family with two school-college going children and his old ailing mother. The heavy expenditure on education and medical was causing a big strain to his monthly pay packet. Regular EMI for housing loan taken from bank was unavoidable and any default would render him liable for severe legal action.
In the above backdrop, he was hoping for some miracle to happen. There was sudden turn of events. His secretary informed that a gentleman – Subhash Verma wanted to see him as he was interested in the position of Manager which was to be filled in by him in the company. He further brought to his notice that his CV has been received through the office of the Minister of Defence.
During interview of the candidate—Subhash Verma, he found him technically sound, resourceful and experienced marketeer. He seemed to be well-conversant with tendering procedures and having knack of follow-up and liaising in this regard. Prabhat felt that he was better choice than the rest of the candidates who were recently interviewed by him in the last few days.
Subhash Verma also indicated that he was in possession of the copies of the bid documents that the Unique Electronics Ltd. would be submitting the next day to the Defence Ministry for their tender. He offered to hand over those documents subject to his employment in the company on suitable terms and conditions. He made it clear that in the process, the Sterling Electric Ltd. could outbid their rival company and get the bid and hefty Defence Ministry order. He indicated that it will be win-win situation for both-him and the company.
Prabhat was absolutely stunned. It was a mixed feeling of shock and thrill. He was uncomfortable and perspiring. If accepted, all his problems would vanish instantly and he may be rewarded for securing the much awaited tender and thereby ing company’s sales and financial health. He was in a fix as to the future course of action. He was wonder-struck at the guts of Subhash Verma in having surreptitiously removing his own company papers and offering to the rival company for a job. Being an experienced person, he was examining the pros and cons of the proposal/situation and he asked him to come the next day.
(a) Discuss the ethical issues involved in the case.
(b) Critically examine the options available to Prabhat in the above situation.
(c) Which of the above would be the most appropriate for Prabhat and why? (Answer in 250 words) 20
- रमेश राज्य सिविल सेवा में अधिकारी हैं, जिन्हें 20 साल की सेवा के बाद सीमावर्ती राज्य की राजधानी में तैनात होने काअवसर मिला है। रमेश की माँ को हाल ही में कैंसर का पता चला है और उन्हें शहर के प्रमुख कैंसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके किशोरवयः दो बच्चों को भी शहर के सबसे अच्छे पब्लिक स्कूलों में से एक में प्रवेश मिला है। राज्य के गृह विभाग में निदेशक के रूप में अपनी नियुक्ति में व्यवस्थित हो जाने के बाद, रमेश को खुफ़िया सूत्रों के माध्यम से गोपनीय रिपोर्ट मिली कि अवैध प्रवासी पड़ोसी देश से राज्य में घुसपैठ कर रहे हैं। उन्होंने तय किया कि वे व्यक्तिगत रूप में अपने गृह विभाग की टीम के साथ सीमावर्ती चौकियों की आकस्मिक जाँच करेंगे। उनके लिए आश्चर्य था कि उन्होंने सीमा चौकियों पर सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत से घुसपैठ करने वाले दो परिवारों के 12 सदस्यों को रंगे हाथों पकड़ा। आगे की पूछताछ और जाँच में यह पाया गया कि पड़ोसी देश के प्रवासियों की घुसपैठ के बाद, उनके आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड जैसे जाली दस्तावेज बनाकर उन्हें राज्य के एक विशेष क्षेत्र में बसाया जाता है। रमेश ने विस्तृत और व्यापक रिपोर्ट तैयार कर राज्य के अतिरिक्त सचिव को सौंप दी। हालाँकि, एक सप्ताह के बाद अतिरिक्त गृह सचिव ने उन्हें तलब किया और रिपोर्ट वापस लेने का निर्देश दिया। अतिरिक्त गृह सचिव ने रमेश को बताया कि उच्च अधिकारियों ने उनकी सौंपी गई रिपोर्ट की सराहना नहीं की है। उन्होंने पुनः उन्हें सावधान किया कि यदि वह गोपनीय रिपोर्ट वापस नहीं लेते हैं, तो उन्हें न केवल राज्य की राजधानी की प्रतिष्ठित नियुक्ति से बाहर तैनात कर दिया जाएगा, बल्कि उनकी निकट भविष्य में होनेवाली अगली पदोन्नति खतरे में पड़ जाएगी।
(a) सीमावर्ती राज्य के गृह विभाग के निदेशक के रूप में रमेश के पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? (b) रमेश को कौन-सा विकल्प अपनाना चाहिए और क्यों?
(c) प्रत्येक विकल्प का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
(d) रमेश के सामने कौन-सी नैतिक दुविधाएँ हैं?
(e) पड़ोसी देश से अवैध प्रवासियों की घुसपैठ के खतरे से निपटने के लिए आप किन नीतिगत उपायों का सुझाव देंगे? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
Ramesh is State Civil Services Officer who got the opportunity of getting posted to the capital of a border State after rendering 20 years of service. Ramesh’s mother has recently been detected cancer and has been admitted in the leading cancer hospital of the city. His two adolescent children have also got admission in one of the best public schools of the town. After settling down in his appointment as Director in the Home Department of the State, Ramesh got confidential report through intelligence sources that illegal migrants are infiltrating in the State from the neighbouring country. He decided to personally carry out surprise check of the border posts along with his Home Department team. To his surprise, he caught red-handed two families of 12 members infiltrated with the connivance of the security personnel at the border posts. On further inquiry and investigation, it was found that after the migrants from neighbouring country infiltrate, their documentation like Aadhaar Card, Ration Card and Voter Card are also forged and they are made to settle down in a particular area of the State. Ramesh prepared the detailed and comprehensive report and submitted to the Additional Secretary of the State. However, he has summoned by the Additional Home Secretary after a week and was instructed to withdraw the report. The Additional Home Secretary informed Ramesh that the report submitted by him has not been appreciated by the higher authorities. He further cautioned him that if he fails to withdraw the confidential report, he will not only be posted out from the prestigious appointment from the State capital but his further promotion which is due in near future will also get in jeopardy.
(a) What are the options available to Ramesh as the Director of the Home
Department of the bordering State?
(b) What option should Ramesh adopt and why?
(c) Critically evaluate each of the options.
(d) What are the ethical dilemmas being faced by Ramesh?
(e) What policy measures would you suggest to combat the menace of infiltration
of illegal migrants from the neighbouring country? (Answer in 250 words) 20
- उच्चतम न्यायालय ने वन आवरण के क्षरण को रोकने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए अरावली पहाड़ियों मेंखनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालाँकि, कुछ भ्रष्ट वन अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत से प्रभावित राज्य के सीमावर्ती जिले में पत्थर-खनन फिर भी प्रचलित था। हाल ही में प्रभावित जिले में तैनात युवा और सक्रिय एस० पी० ने इस खतरे को रोकने के लिए खुद से वादा किया था। अपनी टीम के साथ अचानक जाँच में, उन्होंने खनन क्षेत्र से बचने की कोशिश कर रहा पत्थर से भरा ट्रक पाया। उसने इस ट्रक को रोकने की कोशिश की लेकिन ट्रक चालक ने पुलिस अधिकारी को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई और वह इसके बाद वहाँ से भागने में सफल रहा। पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ० आइ० आर०) दर्ज की लेकिन करीब तीन महीने तक मामले में कोई सफलता हासिल नहीं हुई। अशोक, जो प्रमुख टी० वी० चैनल के साथ काम कर रहे खोजी पत्रकार थे, ने स्वतः संज्ञान से मामले की जाँच शुरू की। एक महीने में ही अशोक को स्थानीय लोगों, पत्थर-खनन माफिया और सरकारी अधिकारियों से बातचीत कर सफलता मिली। उन्होंने अपनी खोजी रिपोर्ट तैयार की और टी० वी० चैनल के सी० एम० डी० के सामने पेश की। उन्होंने अपनी जाँच रिपोर्ट में भ्रष्ट पुलिस और सिविल अधिकारियों तथा राजनेताओं के आशीर्वाद से काम करने वाले पत्थर माफिया की पूरी गठजोड़ का खुलासा किया। माफिया में शामिल राजनेता कोई और नहीं बल्कि स्थानीय विधायक थे जो मख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं। जाँच रिपोर्ट देखने के बाद सी० एम० डी० ने अशोक को सलाह दी कि वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का विचार छोड़ दे। उन्होंने सूचित किया कि स्थानीय विधायक न केवल टी० वी० चैनल के मालिक के रिश्तेदार थे बल्कि अनौपचारिक रूप से चैनल के साथ 20 प्रतिशत के हिस्सेदार भी हैं। सी० एम० डी० ने अशोक को आगे बताया कि अगर वह जाँच रिपोर्ट उन्हें सौंप दे, तो उनके बेटे की पुरानी बीमारी के लिए टी० वी० चैनल से उधार लिए गए 10 लाख रुपये के सॉफ्ट लोन के अलावा उनकी आगे की पदोन्नति और वेतन में बढ़ोतरी का ध्यान रखा जाएगा।
(a) इस स्थिति से निपटने के लिए अशोक के पास क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
(b) अशोक द्वारा चिह्नित किए गए प्रत्येक विकल्प का समालोचनात्मक मूल्यांकन/परीक्षण कीजिए।
(c) अशोक को किन नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है?
(d) आपको क्या लगता है कि अशोक के लिए किस विकल्प को अपनाना सबसे उपयुक्त होगा और क्यों?
(e) उपर्युक्त परिदृश्य में, आप ऐसे जिलों में तैनात पुलिस अधिकारियों के लिए किस प्रकार के प्रशिक्षण का सुझाव देंगे जहाँ पत्थर-खनन की अवैध गतिविधियाँ प्रचलित हैं? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
The Supreme Court has banned mining in the Aravalli Hills to stop degradation of the forest cover and to maintain ecological balance. However, the stone mining was still prevalent in the border district of the affected State with connivance of certain corrupt forest officials and politicians. Young and dynamic SP who was recently posted in the affected district promised to himself to stop this menace. In one of his surprise checks with his team, he found loaded truck with stone trying to escape the mining area. He tried to stop the truck but the truck driver overrun the police officer, killing him on the spot and thereafter managed to flee. Police filed FIR but no breakthrough was achieved in the case for almost three months. Ashok who was the Investigative Journalist working with leading TV channel, suo moto started investigating the case. Within one month, Ashok got breakthrough by interacting with local people, stone mining mafia and government officials. He prepared his investigative story and presented to the CMD of the TV channel. He exposed in his investigative report the complete nexus of stone mafia working with blessing of corrupt police and civil officials and politicians. The politician who was involved in the mafia was no one else but local MLA who was considered to be very close to the Chief Minister. After going through the investigative report, the CMD advised Ashok to drop the idea of making the story public through electronic media. He informed that the local MLA was not only the relative of the owner of the TV channel but also had unofficially 20 percent share in the channel. The CMD further informed Ashok that his further promotion and hike in pay will be taken care of in addition the soft loan of 10 lakhs which he has taken from the TV channel for his son’s chronic disease will be suitably adjusted if he hands over the investigative report to him.
(a) What are the options available with Ashok to cope up with the situation?
(b) Critically evaluate/examine each of the options identified by Ashok.
(c) What are the ethical dilemmas being faced by Ashok?
(d) Which of the options, do you think, would be the most appropriate for Ashok to
adopt and why?
(e) In the above scenario, what type of training would you suggest for police
officers posted to such districts where stone mining illegal activities are rampant? (Answer in 250 words) 20
- आपने तीन साल पहले एक प्रतिष्ठित संस्थान से एम० बी० ए० किया है लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न मंदी के कारणकैंपस प्लेसमेंट नहीं मिल सका। मगर, बहुत अनुनय तथा लिखित और साक्षात्कार सहित बहुत सारी प्रतियोगी परीक्षाओं की श्रृंखला के बाद, आप एक अग्रणी जूता कंपनी में नौकरी पाने में सफल रहे। आपके वृद्ध माता-पिता हैं, जो आश्रित हैंऔर आपके साथ रह रहे हैं। आपने भी हाल ही में यह शालीन नौकरी पाकर शादी की है। आपको निरीक्षण अनुभाग में नियुक्त किया गया था, जो अंतिम उत्पाद को मंजूरी देने के लिए जवाबदेह है। पहले एक वर्ष में, आपने अपना काम अच्छी तरह से सीखा और प्रबंधन द्वारा आपके प्रदर्शन की सराहना की गई। कंपनी पिछले पांच साल से घरेलू बाजार में अच्छा कारोबार कर रही है और इस साल यूरोप और खाड़ी देशों को निर्यात करने का भी फैसला किया गया है। हालाँकि. यूरोप के लिए एक बड़ी खेप को उनके निरीक्षण दल द्वारा कुछ खराब गुणवत्ता के कारण अस्वीकार कर दिया गया और वापस भेज दिया गया था। शीर्ष प्रबंधन ने आदेश दिया कि घरेलू बाजार के लिए पूर्वोक्त खेप की मंजूरी दी जाए। निरीक्षण दल के एक अंग के रूप में आपने स्पष्ट खराब गुणवत्ता को देखा और टीम कमांडर के संज्ञान में लाया। हालाँकि, शीर्ष प्रबंधन ने टीम के सभी सदस्यों को इन कमियों को नज़र-अंदाज करने की सलाह दी क्योंकि इतना बड़ा नुकसान नहीं सह सकता। आपके अलावा टीम के बाकी सदस्यों ने स्पष्ट दोषों को नज़र-अंदाज करते हुए तुरंत हस्ताक्षर कर दिए और घरेलू बाजार के लिए खेप को मंजूरी दे दी। आपने फिर से टीम कमांडर के संज्ञान में लाया कि इस तरह की खेप की अगर घरेलू बाजार के लिए भी मंजूरी दे दी जाती है, तो कंपनी की छवि और प्रतिष्ठा को धक्का लगेगा तथा लंबे समय में प्रतिकूल असर होगा। हालाँकि, आपके शीर्ष प्रबंधन द्वारा आगे सलाह दी गई थी कि यदि आप खेप को मंजूरी नहीं देते हैं, तो कंपनी कुछ अहानिकर कारणों का हवाला देते हुए आपकी सेवा को समाप्त करने में संकोच नहीं करेगी।
(a) दी गई शर्तों के तहत, निरीक्षण दल के सदस्य के रूप में आपके लिए कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं?
(b) आपके द्वारा सूचीबद्ध प्रत्येक विकल्प का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
(c) आप कौन-सा विकल्प अपनाएँगे और क्यों?
(d) आप किन नैतिक दुविधाओं का सामना कर रहे हैं?
(e) निरीक्षण दल द्वारा उठाई गई टिप्पणियों की अनदेखी के क्या परिणाम हो सकते हैं? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
You have done MBA from a reputed institution three years back but could not get campus placement due to COVID-19 generated recession. However, after a lot of persuasion and series of competitive tests including written and interview, you managed to get a job in a leading shoe company. You have aged parents who are dependent and staying with you. You also recently got married after getting this decent job. You were allotted the Inspection Section which is responsible for clearing the final product. In first one year, you learnt your job well and was appreciated for your performance by the management. The company is doing good business for last five years in domestic market and this year it is decided even to export to Europe and Gulf countries. However, one large consignment to Europe was rejected by their Inspecting Team due to certain poor quality and was sent back. The top management ordered that ibid consignment to be cleared for the domestic market. As a part of Inspecting Team, you observed the glaring poor quality and brought to the knowledge of the Team Commander. However, the top management advised all the members of the team to overlook these defects as the management cannot bear such a huge loss. Rest of the team members except you promptly signed and cleared the consignment for domestic market, overlooking glaring defects. You again brought to the knowledge of the Team Commander that such consignment, if cleared even for domestic market, will tarnish the image and reputation of the company and will be counter-productive in the long run. However, you were further advised by the top management that if you do not clear the consignment, the company will not hesitate to terminate your services citing certain innocuous reasons.
(a) Under the given conditions, what are the options available to you as a member
of the Inspecting Team?
(b) Critically evaluate each of the options listed by you.
(c) What option would you adopt and why?
(d) What are the ethical dilemmas being faced by you?
(e) What can be the consequences of overlooking the observations raised by the Inspecting Team? (Answer in 250 words) 20
- राकेश एक शहर के परिवहन विभाग में संयुक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। उनकी नौकरी प्रोफाइल के एक हिस्से के रूपमें उन्हें नगर परिवहन विभाग के नियंत्रण और कामकाज की देखरेख का काम सौंपा गया था। नगर परिवहन विभाग के चालक संघ द्वारा, बस चलाते समय ड्यूटी पर मारे गए एक चालक को मुआवजे के मुद्दे पर हड़ताल का मामला उनके सामने निर्णय के लिए आया था।उसने देखा कि मृत चालक बस संख्या 528 चला रहा था, जो शहर की व्यस्त और भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर गुजरती थी। हुआ यूँ कि रास्ते में एक चौराहे के पास एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति द्वारा चलाई जा रही कार और बस की टक्कर में एक हादसा हो गया। पता चला कि बस और कार चालक के बीच कहा-सुनी हुई थी। दोनों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और चालक ने उसे धक्का मार दिया। बहुत-से राहगीर इकट्ठे हो गए और उन्होंने हस्तक्षेप करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिरकार वे दोनों बुरी तरह घायल हो गए और बहुत खून बह रहा था तथा उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया। हादसे में चालक ने दम तोड़ दिया और उसे बचाया नहीं जा सका। अधेड़ उम्र के चालक की भी हालत नाजुक थी लेकिन एक दिन के बाद वह सँभल गया और उसे छुट्टी दे दी गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई और प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। पुलिस जाँच में सामने आया कि विवाद की शुरुआत बस चालक ने की थी और उसने शारीरिक हिंसा की थी। उनके बीच मारपीट हुई थी। नगर परिवहन विभाग प्रबंधन मृत चालक के परिवार को कोई अतिरिक्त मुआवजा नहीं देने पर विचार कर रहा है। नगर परिवहन विभाग प्रबंधन के भेदभाव और गैर-सहानुभूतिपूर्ण रवैये से परिवार बहुत व्यथित, उदास और आंदोलित है। मृत बस चालक की उम्र 52 वर्ष थी, उसके परिवार में पत्नी और स्कूल-कालेज जाने वाली दो बेटियाँ हैं। वह परिवार का इकलौता कमाने वाला था। नगर परिवहन विभाग वर्कर्स यूनियन ने इस मामले को उठाया और जब प्रबंधन से कोई अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उसने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यूनियन की माँग दोहरी थी। पहली, ड्यूटी के दौरान मरने वाले अन्य चालकों को दिया जाने वाला पूरा अतिरिक्त मुआवजा और दूसरी, परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिया जाए। 10 दिनों से हड़ताल जारी है और गतिरोध बना हुआ है।
(a) उपर्युक्त स्थिति से निपटने के लिए राकेश के पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं?
(b) राकेश द्वारा चिह्नित किए गए प्रत्येक विकल्प का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) वे कौन-सी नैतिक दुविधाएँ हैं, जिनका राकेश को सामना करना पड़ रहा है?
(d) उपर्युक्त स्थिति को दूर करने के लिए राकेश क्या कार्यवाही करेंगे? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
Rakesh was working as Joint Commissioner in Transport Department of a city. As a part of his job profile, among others, he was entrusted with the task of overseeing the control and functioning of City Transport Department. A case of strike by the drivers’ union of City Transport Department over the issue of compensation to a driver who died on duty while driving the bus came up before him for decision in the matter. He gathered that the driver (deceased) was plying Bus No. 528 which passed through busy and congested roads of the city. It so happened that near an intersection on the way, there was an accident involving the bus and a car driven by a middle-aged man. It was found that there was altercation between the driver and the car driver. Heated arguments between them led to fight and the driver gave him a blow. Lot of passerbys had gathered and tried to intervene but without success. Eventually, both of them were badly injured and profusely bleeding and were taken to the nearby hospital. The driver succumbed to the injuries and could not be saved. The middle-aged driver’s condition was also critical but after a day, he recovered and was discharged. Police had immediately come at the spot of accident and FIR was registered. Police investigation revealed that the quarrel in question was started by the bus driver and he had resorted to physical violence. There was exchange of blows between them. The City Transport Department management is considering of not giving any extra compensation to the driver’s (deceased) family. The family is very aggrieved, depressed and agitated against the discriminatory and non-sympathetic approach of the City Transport Department management. The bus driver (deceased) was 52 years of age, was survived by his wife and two school-college going daughters. He was the sole earner of the family. The City Transport Department workers’ union took up this case and when found no favourable response from the management, decided to go on strike. The union’s demand was two-fold. First was full extra compensation as given to other drivers who died on duty and secondly employment to one family member. The strike has continued for 10 days and the deadlock remains.
(a) What are the options available to Rakesh to meet the above situation?
(b) Critically examine each of the options identified by Rakesh.
(c) What are the ethical dilemmas being faced by Rakesh?
(d) What course of action would Rakesh adopt to diffuse the above situation? (Answer in 250 words) 20
- आपको पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अनुभाग का शीर्ष अधिकारी नियुक्त किया जाता है ताकि अनुपालन सुनिश्चित होऔर इसकी अनुवर्ती का पालन हो सके। उस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लघु और मध्यम उद्योग थे जिन्हें अनापत्ति दी जा चुकी थी। आपको पता चला कि ये उद्योग अनेक प्रवासी कामगारों को रोजगार मुहैया कराते हैं। अधिकांश औद्योगिक इकाइयों के पास पर्यावरणीय अनापत्ति प्रमाण-पत्र हैं। पर्यावरणीय अनापत्ति उन उद्योगों और परियोजनाओं पर अंकुश लगाने के लिए है जो इस क्षेत्र में पर्यावरण और जीवित प्रजातियों को कथित रूप से बाधित करती हैं। लेकिन व्यवहार में इनमें सेअधिकांश इकाइयाँ वायु, जल और मृदा प्रदूषित इकाइयाँ बनी हुई हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों को लगातार स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह पुष्टि की गई कि अधिकांश उद्योग पर्यावरणीय अनुपालन का उल्लंघन कर रहे थे। आपने नया पर्यावरणीय अनापत्ति प्रमाण-पत्र आवेदन करने और सक्षम अधिकारी से प्राप्त करने के लिए सभी औद्योगिक इकाइयों के लिए नोटिस जारी कर दी। हालाँकि, औद्योगिक इकाइयों के एक वर्ग, अन्य न्यस्तस्वार्थी लोगों और स्थानीय राजनेताओं के एक समूह से आपकी कार्यवाही को विरोध प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। आपके प्रति कामगार भी अत्यंत शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने लगे क्योंकि उन्होंने सोचा कि आपकी कार्यवाही इन औद्योगिक इकाइयों को तालाबंदी की ओर ले जाएगी और इसके परिणामस्वरूप बेरोजगारी के कारण उनकी आजीविका असुरक्षित और अनिश्चित हो जाएगी। कई उद्योग-मालिकों ने इस दलील के साथ आपके पास पहुँचकर प्रस्तावित किया कि आपको सख्त कार्यवाही शुरू नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उन्हें अपनी इकाइयाँ बंद करने के लिए मजबूर करेगी और भारी वित्तीय हानि तथा बाजार में उनके उत्पादों की कमी का कारण होगा। जाहिर है कि इससे मजदूरों और उपभोक्ताओं की परेशानी ज्यादा होगी। श्रमिक संघ ने भी आपको इकाइयों को बंद करने के खिलाफ प्रतिनिधित्व भेजा। आपको एक साथ अज्ञात कोणों से धमकियाँ मिलने लगीं। हालाँकि, आपको अपने कुछ सहकर्मियों का समर्थन मिला जिन्होंने आपको सलाह दी कि आप पर्यावरणीय अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र रूप से काम करें। स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों ने भी आपका समर्थन किया और उन्होंने प्रदूषणकारी इकाइयों को तत्काल बंद करने की माँग पेश की।
(a) प्रदत्त स्थिति में आपके पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं?
(b) आपके द्वारा सूचीबद्ध किए गए विकल्पों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
(c) पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आप किस प्रकार की क्रियाविधि का सुझाव देंगे?
(d) अपने विकल्पों का उपयोग करने में आपको किन नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ा? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
You are appointed as an officer heading the section in Environment Pollution Control Board to ensure compliance and its follow-up. In that region, there were large number of small and medium industries which had been granted clearance. You learnt that these industries provide employment to many migrant workers. Most of the industrial units have got environmental clearance certificate in their possession. The environmental clearance seeks to curb industries and projects that supposedly hamper environment and living species in the region. But in practice, most of these units remain to be polluting units in several ways like air, water and soil pollution. As such, local people encountered persistent health problems. It was confirmed that majority of the industries were violating environmental compliance. You issued notice to all the industrial units to apply for fresh environmental clearance certificate from the competent authority. However, your action met with hostile response from a section of the industrial units, other vested interest persons and a section of the local politicians. The workers also became very hostile to you as they felt that your action would lead to the closure of these industrial units, and the resultant unemployment will lead to insecurity and uncertainty in their livelihood. Many owners of the industries approached you with the plea that you should not initiate harsh action as it would compel them to close their units, and cause huge financial loss, shortage of their products in the market. These would obviously add to the sufferings of the labourers and the consumers
alike. The labour union also sent you representation requesting against the closure of the units. You simultaneously started receiving threats from unknown corners. You however received supports from some of your colleagues, who advised you to act freely to ensure environmental compliance. Local NGOs also came to your support and they demanded the closure of the polluting units immediately.
(a) What are the options available to you under the given situation?
(b) Critically examine the options listed by you.
(c) What type of mechanism would you suggest to ensure environmental
compliance?
(d) What are the ethical dilemmas you faced in exercising your option? (Answer in 250 words) 20
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